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तुम ही तो मेरी दोस्ती का जन्म
  तुम ही तो होना  मेरी दोस्ती का जन्म 
तुमी ही थी ना मेेेेरे मस्ती का मलहम....॥१॥
हमने संग ही चलना सिखा  है कलम
यही तो बचपन की है रोनक....॥२॥
दो पल हमनेे साथ मे  बिताया
यह रिश्ता जैसे सारी जिंदगी भर
फुल खिलखिलाया ....॥३॥
तेरी हर यादे है बूंद-बूंद से भरी खुशियो की हवेली
सारी कायनात कहरही है की तु ही 
है मेरी ही प्यारी सहेली ....॥४॥