कलम
मेरी कलम बोलती हैं।
मेरे दिल के राज़ खोलती हैं।
जो सबसे ना कह पाई मैं
वोह चुप होकर भी सबसे बोलती हैं।।
मेरे जज्बातों की स्याही बनकर...
मेरे दिल के राज़ खोलती हैं।
जो सबसे ना कह पाई मैं
वोह चुप होकर भी सबसे बोलती हैं।।
मेरे जज्बातों की स्याही बनकर...