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!! शिव !!
तुमने चाहा तुम कृष्ण बनो मेरे ,,
पर मैने चाहा बस तुम शिव बनो मेरे ।।
तुमने चाहा तुम राम बनो मेरे,,
पर मैने चाहा बस तुम शिव बनो मेरे ।।
तुमने चाहा तुम बुद्ध बनो मेरे ,,
पर मैने चाहा बस तुम शिव बनो मेरे ।।
तुमने देना चाहा हर रुप में सिर्फ बेपनाह प्रेम मुझे,,
पर मैने चाहा प्रेम से कहीं अधिक सम्मान मिले मुझे ।।
तुमने कहा प्रेम से बड़ा कोई सत्य नहीं,,
मैंने कहा सत्य ही शिव हैं ।।
तुमने कहा प्रेम से सुंदर कोई नहीं,,
मैंने कहा शिव ही सुंदर है ।।
तुमने कहा प्रेम एक साधना है ,,
मैनें कहा शिव ही साधना है ।।
तुमने कहा प्रेम तपस्या है
मैंने कहा तपस्या ही शिव है ।।
तुमने कहा प्रेम से जीवन है, प्रेम में ही जीवन है,,
मैनें कहा शिव ही जीवन है ।।
तुमने कहा प्रेम सृष्टि कण -कण में है,,
मैनें कहा शिव में सब समाहित हैं ।
तुमने कहा प्रेम अजर अमर अविनाशी है ,,
मैंनें कहा अजर अमर अविनाशी ही शिव है ।
तुमने कहा प्रेम सर्वकालिक है,,
मैनें कहा भूत, वर्तमान भविष्य सब शिव है ।
सुर में शिव ,, साज में शिव ,,
राग में शिव ,, वैराग्य में शिव ।।
यथार्थ शिव ,, परमार्थ शिव ,,
आनंद शिव ,, परमानंद शिव ।।
भक्ति शिव ,, आस्था शिव ,,
जागृति शिव ,, अनुभूति शिव ।।
शिव ही सबकुछ है ,, शिव से ही सबकुछ है ,,
शिव बिन कुछ भी नहीं।।
* Pen name — Alfaj E Chand (Moon)
*Real name — Arti Kumari Athghata (Moon)
© Alfaj _E_Chand ( 💗🌛Moon💗🌛) ✍✍
पर मैने चाहा बस तुम शिव बनो मेरे ।।
तुमने चाहा तुम राम बनो मेरे,,
पर मैने चाहा बस तुम शिव बनो मेरे ।।
तुमने चाहा तुम बुद्ध बनो मेरे ,,
पर मैने चाहा बस तुम शिव बनो मेरे ।।
तुमने देना चाहा हर रुप में सिर्फ बेपनाह प्रेम मुझे,,
पर मैने चाहा प्रेम से कहीं अधिक सम्मान मिले मुझे ।।
तुमने कहा प्रेम से बड़ा कोई सत्य नहीं,,
मैंने कहा सत्य ही शिव हैं ।।
तुमने कहा प्रेम से सुंदर कोई नहीं,,
मैंने कहा शिव ही सुंदर है ।।
तुमने कहा प्रेम एक साधना है ,,
मैनें कहा शिव ही साधना है ।।
तुमने कहा प्रेम तपस्या है
मैंने कहा तपस्या ही शिव है ।।
तुमने कहा प्रेम से जीवन है, प्रेम में ही जीवन है,,
मैनें कहा शिव ही जीवन है ।।
तुमने कहा प्रेम सृष्टि कण -कण में है,,
मैनें कहा शिव में सब समाहित हैं ।
तुमने कहा प्रेम अजर अमर अविनाशी है ,,
मैंनें कहा अजर अमर अविनाशी ही शिव है ।
तुमने कहा प्रेम सर्वकालिक है,,
मैनें कहा भूत, वर्तमान भविष्य सब शिव है ।
सुर में शिव ,, साज में शिव ,,
राग में शिव ,, वैराग्य में शिव ।।
यथार्थ शिव ,, परमार्थ शिव ,,
आनंद शिव ,, परमानंद शिव ।।
भक्ति शिव ,, आस्था शिव ,,
जागृति शिव ,, अनुभूति शिव ।।
शिव ही सबकुछ है ,, शिव से ही सबकुछ है ,,
शिव बिन कुछ भी नहीं।।
* Pen name — Alfaj E Chand (Moon)
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