तुम्हें पता है?
तुम्हें पता है,तुम क्या हो?
तुम्हारे खुद के लिए नहीं..'मेरे लिए'...
ये 'मेरे लिए' पढ़ते ही जो अभी तुमने भीतर एक अनजानी-सी खुशी महसूस की है न....
मेरे लिए वो 'ख़ुशी' हो तुम....
'क्या हो' पढ़कर ये जो 'क्या हूँ' जानने की ज़रा-सी जल्दबाज़ी हुई है न. मेरे लिए वो...
तुम्हारे खुद के लिए नहीं..'मेरे लिए'...
ये 'मेरे लिए' पढ़ते ही जो अभी तुमने भीतर एक अनजानी-सी खुशी महसूस की है न....
मेरे लिए वो 'ख़ुशी' हो तुम....
'क्या हो' पढ़कर ये जो 'क्या हूँ' जानने की ज़रा-सी जल्दबाज़ी हुई है न. मेरे लिए वो...