...

19 views

बचपन का प्यार
वो बचपन की मस्ती
वो बचपन का प्यार
वो बचपन की डांट
वो मां की दुलार !

वो भाइयों से झगड़ना
वो दोस्तो संग खेलना
ना दिन की परवाह थी
ना रात का ठीकाना !

वो 1 रुपये के लिए रोना
और मिलते ही भागना
भागकर दुकान पर पहुंचना
और ललचाई नजरों से देखना

वो स्कूल जाने के लिए रोना
जाते तो भी दोपहर में भाग आना
कभी पेट का तो कभी कोई और बहाना
याद आता है वो बचपन का जमाना

वो बचपन के खेल खेलना
कभी क्रिकेट तो कभी सतौलिया खेलना
रोज झगड़ना दुसरे दिन फिर साथ खेलना
वो झगड़ा नहीं चाहते हम कभी भुलना !

वो बचपन के साथी मेरे लंगौटिये यार
गणित के गुरुजी और उनका डंडा त्यार
गलती मेरी तो भी वो अपने सर लेते थे
पता नही हम दोस्त कितना प्यार करते थे

अनगिनत यादे जुड़ी है बचपन से
कभी ना खत्म हो वो यादें है बचपन से
ये जवानी आज हमारे सामने खड़ी है
पर हमें तो अब भी उस बचपन की पड़ी है !