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एक ही शक़्स था मुझे चाहने वाला
एक ही शक़्स था मुझे चाहने वाला
खवाबो को मेरे दिल से लगाने वाला
जब जब ग़मज़दा हुआ किसी मुश्किल से
कोई था हाँ मेरे दिल को बहलाने वाला
थी नहीं जब दौलत अहम् दुनिया मैं
कोई था मुझे एक चाय पर मिल जाने वाला
इश्क़ अब नाम रह गया वक़्ती अहसास का
कभी था कोई पास इश्क़ मे मिट जाने वाला
कोई पूछे अगर सारिम बताना सच ये भी
छोड़ गया कब का मेरा घर बसाने वाला
© Sarim
खवाबो को मेरे दिल से लगाने वाला
जब जब ग़मज़दा हुआ किसी मुश्किल से
कोई था हाँ मेरे दिल को बहलाने वाला
थी नहीं जब दौलत अहम् दुनिया मैं
कोई था मुझे एक चाय पर मिल जाने वाला
इश्क़ अब नाम रह गया वक़्ती अहसास का
कभी था कोई पास इश्क़ मे मिट जाने वाला
कोई पूछे अगर सारिम बताना सच ये भी
छोड़ गया कब का मेरा घर बसाने वाला
© Sarim
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