...

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फिर ऐसी रात नहीं होगी
रहोगे तुम, रहेंगे हम, मग़र ये बात नहीं होगी
जो उमड़े हैं तरफ़ दोनों, ये ज़ज्बात नहीं होगी..

मेरे चेहरे पे छा जाना, ये काले केस बादल से
मेरे लब पे मूसलसल बोसे की बरसात नहीं होगी..

बहुत आयीं हैं, औऱ आयेंगी रातें उम्र में अपनी
मग़र इक उम्र जी ली हो, फ़िर ऐसी रात नहीं होगी..


© Rajnish Ranjan