...

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प्‍यार का एहसास है ऐसा, तुझमें खोकर खुद को पा रहे हैं।
प्‍यार का एहसास है ऐसा,
तुझमें खोकर खुद को पा रहे हैं।
तेरी बाँहों में लिपटकर,
मेरे सारे ग़म घबरा रहे हैं।

क्‍या हुआ मेरी पंक्तियों को,
क्‍यों ऐसे गुनगुना रहे हैं?
प्‍यार के एहसास में शायद,
शब्‍द खोते जा रहे हैं।

जिनके लिए लिखी थी शायरी,
देखो, वो...