समाज
वाह! रे इंसान तेरी इंसानियत आजकल क्यों समझ नहीं आती हैं,
बलात्कार होने के बाद बात लड़की के चरित्र पर क्यों आ जाती हैं..
उसके मरने के बाद उसके परिवार को सिर्फ़ सान्त्वना ही क्यों दी जाती हैं,
ओर अगर वो जो गलती से कही बच गई तो भर-भर के जिल्लत ही क्यों दी जाती हैं,
उसके ऊपर आजकल मेरे समाज का दोगला पन भी क्या लाजवाब हैं,
लड़का गलती करके भी आजादी से घुमे उसको क्यों ये अधिकार हैं,
बिना गलती मुँह छुपा लड़की घर में रहे ये कोेेनसा इंसाफ़ हैं,
वाह! रे...
बलात्कार होने के बाद बात लड़की के चरित्र पर क्यों आ जाती हैं..
उसके मरने के बाद उसके परिवार को सिर्फ़ सान्त्वना ही क्यों दी जाती हैं,
ओर अगर वो जो गलती से कही बच गई तो भर-भर के जिल्लत ही क्यों दी जाती हैं,
उसके ऊपर आजकल मेरे समाज का दोगला पन भी क्या लाजवाब हैं,
लड़का गलती करके भी आजादी से घुमे उसको क्यों ये अधिकार हैं,
बिना गलती मुँह छुपा लड़की घर में रहे ये कोेेनसा इंसाफ़ हैं,
वाह! रे...