जागो हे पालनहार
अब जाग उठो हे पालनहार
चहुँ ओर मचा है हाहाकार,
सतियों के चीर नहीं बचते
नयनों में नीर नहीं बचते
इन राक्षसों से रक्षण हेतु
अब कोई वीर नहीं दिखते,
सत्ता धृतराष्ट्र अधीन हुयी
नैतिकता न्याय विहीन हुयी
सुनकर भक्तों की करुण पुकार
अब जाग उठो, हे...
चहुँ ओर मचा है हाहाकार,
सतियों के चीर नहीं बचते
नयनों में नीर नहीं बचते
इन राक्षसों से रक्षण हेतु
अब कोई वीर नहीं दिखते,
सत्ता धृतराष्ट्र अधीन हुयी
नैतिकता न्याय विहीन हुयी
सुनकर भक्तों की करुण पुकार
अब जाग उठो, हे...