...

8 views

इंतज़ार
एक साल जैसे
एक दिन सा लगा
मगर एक दिन अब
साल दर साल लगता है
तुम्हारे संग संग
हर पल एक ज़िन्दगी सा
बिना तुम्हारे जैसे
कोई लम्हा न रहा
संग ले जाती हो अपने
यादों का एक किस्सा
मेरे तन में एक ही मन
जैसे तुम्हारा ही हिस्सा
जाने कब आओगी
तन्हाई की गलियों में
काले बादल फिर बरसेंगे
इंतज़ार के हिस्सों में
© "the dust"