क्या बात होती..
कोई किसी की ख़ामोशी समझ ले तो क्या बात होती
सबके पास सारे सवालों के जवाब होते तो फिर क्या बात होती
बिना किसी मतलब के कोई साथ हो लेता तो क्या बात होती
हर कोई भटक रहा यहाँ से वहाँ जाने...
सबके पास सारे सवालों के जवाब होते तो फिर क्या बात होती
बिना किसी मतलब के कोई साथ हो लेता तो क्या बात होती
हर कोई भटक रहा यहाँ से वहाँ जाने...