प्रेम कहानी
न होठो पे लाली न माथे पर बिंदिया न काजल आखों में डाली थी
इश्क मोहब्ब से बिल्कुल बेखबर अपने मन की मतवाली थी
नदियों सी मुझमे उमंग तरंग मन मस्त हवा निराली थी
लहरों की तरह...
इश्क मोहब्ब से बिल्कुल बेखबर अपने मन की मतवाली थी
नदियों सी मुझमे उमंग तरंग मन मस्त हवा निराली थी
लहरों की तरह...