...

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एहसास
परिंदे की तरह आये थे हमारी जिंदगी में,
और दरिंदा बना कर चले गये,,

चाहत तो अभी भी है तुम्हारे दिल में,,
हमारी कद्र भले ही ना करो ,
पर आसूँओ में भी मुझे बहा नही पाओगे

किसी के सामने जिक्र भी नहीं कर पाओगे,
और खुद के लिए रो भी नहीं पाओगे,
आसूँओ की दरिया बन कर रह जायेगी तुम्हारी जिंदगी,,
साँसो की कश्तियों में बहते-बहते खुद के लिए जीना भूल जाओगे,

जीने नही देगी हमारी याद तुम्हें ,
तङप-तङप के रह जाओगे ,
पूरी ज़िन्दगी किसी से प्यार भी नही कर पाओगे ,
और हमें भूल भी नहीं पाओगे,,, ।।।

:-Swati Ranjan