7 views
मनमुटाव की वज़ह।
मनमुटाव की वज़ह तुमसे शुरू हुई
तुमने कभी समझा ही नहीं।
समझने की कोशिश करना था फिर भी
उलझन बन गई तुम हमारी।
कभी-कभार तुम्हारी जिद्द आड़े आती
कभी तुम हार मानना नही चाहती।
कितना समझाया था मैने हर एक बात को
अनदेखा किया सभी को तुमने यूही।
तनाव और चुनौतीपूर्ण जीवन दिन-प्रतिदिन होगई थी मेरी
असंतुलन और असंतोष मे कट रही थी हमारी ज़िन्दगी।
परीणाम स्वरूप जुदाई ही जवाब है इन सबका
पूर्ण ना हुआ सपना हमारा साथ रहने का।
© advjayashreepal #shreebarsha #writco #writcoapp #writcopoem #WritcoCommunity #WritcoFamily #writcowriters #writcopoet
तुमने कभी समझा ही नहीं।
समझने की कोशिश करना था फिर भी
उलझन बन गई तुम हमारी।
कभी-कभार तुम्हारी जिद्द आड़े आती
कभी तुम हार मानना नही चाहती।
कितना समझाया था मैने हर एक बात को
अनदेखा किया सभी को तुमने यूही।
तनाव और चुनौतीपूर्ण जीवन दिन-प्रतिदिन होगई थी मेरी
असंतुलन और असंतोष मे कट रही थी हमारी ज़िन्दगी।
परीणाम स्वरूप जुदाई ही जवाब है इन सबका
पूर्ण ना हुआ सपना हमारा साथ रहने का।
© advjayashreepal #shreebarsha #writco #writcoapp #writcopoem #WritcoCommunity #WritcoFamily #writcowriters #writcopoet
Related Stories
11 Likes
4
Comments
11 Likes
4
Comments