तुम अब भी रुठी हो मुझसे
तुम अब भी रूठी हो मुझसे
अब भी नाराज बैठी हो
बात है ये है कि वही बात लिए बैठी हो
अब भी तेरी याद में धड़कता हूँ क्या
तुम अब भी मेरा दिल लिए बैठी हो
किसी रोज फूरसत से गले लगाना
दुनियादारी में खुद को भूल बैठी हो
मैं चलूँ भला किस मंजिल की राह में
अपनी यादों में मुझे...
अब भी नाराज बैठी हो
बात है ये है कि वही बात लिए बैठी हो
अब भी तेरी याद में धड़कता हूँ क्या
तुम अब भी मेरा दिल लिए बैठी हो
किसी रोज फूरसत से गले लगाना
दुनियादारी में खुद को भूल बैठी हो
मैं चलूँ भला किस मंजिल की राह में
अपनी यादों में मुझे...