दर्द जो कभी रुकता नहीं, घमंड का सर क्यों कभी छुकता नहीं
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
तेरी यादों के बनवाए हमने तहखाने हैं,
कि हासिल नहीं कर सकता...
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे
तेरी यादों के बनवाए हमने तहखाने हैं,
कि हासिल नहीं कर सकता...