...

5 views

“कागजों का मुजपे, ये सितम था"
कागजों का मुझपे,
ये सितम था,,
आंसू गिरने से पहले,
थोड़ा तो थमता,,
गरा दिया मुझे,
खामखा ओ बे-महर,,
संभालूं क्या तुझे,
मेरा क्या, गम कम था,,
शाख से उखाड़ कर,
क्यूं, मुझे, मरोड़ दिया,,
हाथ में, जिसे, थमा दिया,
क्या, वो कभी, तेरे संग था,,
मर गए, सब, अश्क तेरे,
मर गया, मेरा, बजूद भी,,
चीर दिए, उसने कष्ट सभी,
जो लिखा, तूने, बड़े, चमन से था,,
ख्वाब से भरी, तेरी जिंदगी में,
शायद वो भी, एक भ्रम था,,
मैं तुझे, संभालता, ही क्या,
मेरा गम, क्या कम था....
© #Kapilsaini