...

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ख्वाब
उफ़ ये मेरे महँगे महँगे ख़्वाब
कभी तुझे गले से लगाना
कभी तेरे आगोश में समाना
रिमझिम बरसात में तुझ संग भीगना
तारों की छाँव मैं तेरा हाथ थामे चलना
हो पाएंगे कभी पूरे या बस रहेंगे यू अधूरे
मेरे मेहँगे मेहँगे ख्वाब