पदोन्नति (कथा काव्य)
तितली का एक बच्चा ,
जो था अकल में कुछ कच्चा ;
बगल में अपनी फाइल दबाए
हो रहा था परेशान ,
भरना चाहता था उड़ान !
आंखों में थे तैरते हुए सपने
और दिल में अनेक अरमान !
सोंचा गार्डन का वार्डन मैं
बन जाऊं, और जीवन में
सफल मैं कहलाऊँ !
...
जो था अकल में कुछ कच्चा ;
बगल में अपनी फाइल दबाए
हो रहा था परेशान ,
भरना चाहता था उड़ान !
आंखों में थे तैरते हुए सपने
और दिल में अनेक अरमान !
सोंचा गार्डन का वार्डन मैं
बन जाऊं, और जीवन में
सफल मैं कहलाऊँ !
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