...

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एक शख्स –
वो कौन है जिसके बिना मुझे चैन नहीं मिलता
वो कौन है जो मुझमे घर करके बैठा है
घूम लिया गलियां, मंदिर मस्जिद घूम लिया
जाने वो एक शख्स कहाँ रहता है

कभी वो कहीं मिले तो कहना उससे
एक पागल है जो तेरे लिए शेर लिखते रहता है
उसे फूलों में भी खुशबु तेरी ही आती है
उसे पत्थर में भी तेरा ही अक्स दिखता है

मिल जाए मुझे चाहे बिछड़ने के लिए
वो आये दिल तोड़ने के लिए कहता है
ना जाने उसकी शकल-ओ-सूरत कैसी होगी
ना जाने वो किसी से इश्क़ कैसे करता है

इन निगाहों ने देखे जाने कितने चेहरे
कोई उसके जैसा नहीं ये दिल कहता है
ख़िलाफ़ हुए मेरे अपने मेरी सोच पर
शायद साफ़ नीयत का हश्र यही होता है

मज़ा नहीं है अब अकेले रहने में
मुझे भी किसी के अब दिल में रहना है
घूम लिया गलियां, मंदिर मस्जिद घूम लिया
जाने वो एक शख्स कहाँ रहता है