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घर काश्तकार को
राजस्थानी गीत
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आछ्यो देख्यो रे बापू घर काश्तकार को 2
छट बारा मिना काम घणी मार को 2
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दिंग्या ऊठु चार बज्या म्हँ गोबर बांट नाकू 2
कर - कर काम सात बज्या ही घणी हारी थाकु 2
रोट्यां पौऊ दिन भर छाबडो
छाळी - बकरया कै रान्धू फेर राबड़ो
अजी बेरो कोनी , ओ जी बेरो कोनी कद आवै दिन दितवार को
छट बारा मिना काम घणी मार को
आछ्यो देख्यो रे बापू घर काश्तकार को
छट बारा मिना काम घणी मार को
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सारा दिन रेवू डोलती टेम नहीं थावस को 2
मिठो छुठो बणै जद कोई आवै दिन मावस को 2
चाट पकोड़ा नहीं जाणै कोई खाबो
सासु जी को काम ढान्ढा ने पाणी पाबो
अजी दौराणी - जैठाणी ,ओ जी दौराणी - जैठानी काटे खेत गुआर को
छट बारा मिना काम घणी मार को
आछ्यो देख्यो रे बापू घर काश्तकार को
छट बारा मिना काम घणी मार को
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गाड़ी घोड़ा पड़्या मोकळा उबा हेला फाड़े 2
बीस - तीस गाया बंधरी पाछले बाड़े 2
सुसरो चौबारा मे बैठ्यो चिलमा फुके
धुआँ धोर राखै माथो म्हारो दुखे
अजी कोनी होवै ,ओ जी कोनी होवै काम दूध धार को
छट बारा मिना काम घणी मार को
आछ्यो देख्यो रे बापू घर काश्तकार को
छट बारा मिना काम घणी मार को
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जेठजी तो परदेशा मे भर राख्या लोकर 2
देवर लाड़लो बंणग्यो म्हारो सरकारी नौकर 2
छोरा-छोरी भी सारा मनै रांधै
कोई पकड़े पल्लों कोई बैठे कांधै
अजी घर गृहस्थी ,ओजी घर गृहस्थी को जीमो पुरो भरतार को
छट बारा मिना काम घणी मार को
आछ्यो देख्यो रे बापू घर काश्तकार को
छट बारा मिना काम घणी मार को


🙏🏻🙏🏻 राम राम सा 🙏🏻🙏🏻