...

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खफा हो तुम 😔
किस बात से खफा हो किस बात से नाराज
निकला नहीं है चाँद इस जमीं पर आज

तेरी एक नजर से जब मेरी नजर न मिले
कैसे कह दूँ सुबह का हो रहा है आगाज

दिल तुम्हारे हाथों मे साँसे है लाचार
हर धड़कन है मेरी तेरी ही मोहताज

जबसे दिलों दीवार पर नाम आपका लिखा दिया
इस दिल पर जैसे हो गया हैं आपका ही राज

सुनाई देता नहीं मुझे अब कोई साज
खामोशी मे भी सुनाई देता है आपका ही आवाज