इश्क इंतज़ार है...
#इंतज़ार
यूं तो एक, दो, तीन कई नाम हैं तुम्हारे,
मुझसे पूछो तो मेरे लिए सिर्फ़
इंतज़ार हो तुम.
याद है, जब मिले थे हम,
दिल-दिमाग जैसे अनजान थे,
एक-दूसरे से.
तुम्हें लेकर दोनों में दोस्ती हो भी नहीं सकती कभी,
क्योंकि मेरी राह दिल की थी
और रहेगी,
तभी तो तुम्हारा इंतजार था और रहेगा.
तुम भी तो मन के मुसाफ़िर हो,
दिमाग़ की सड़क पर,
तुम भी तो गए नहीं कभी,
मिलने की मुझसे
खुशी तुम्हें भी क्या कम थी!
लगा अब इंतज़ार खत्म हुआ, ...
यूं तो एक, दो, तीन कई नाम हैं तुम्हारे,
मुझसे पूछो तो मेरे लिए सिर्फ़
इंतज़ार हो तुम.
याद है, जब मिले थे हम,
दिल-दिमाग जैसे अनजान थे,
एक-दूसरे से.
तुम्हें लेकर दोनों में दोस्ती हो भी नहीं सकती कभी,
क्योंकि मेरी राह दिल की थी
और रहेगी,
तभी तो तुम्हारा इंतजार था और रहेगा.
तुम भी तो मन के मुसाफ़िर हो,
दिमाग़ की सड़क पर,
तुम भी तो गए नहीं कभी,
मिलने की मुझसे
खुशी तुम्हें भी क्या कम थी!
लगा अब इंतज़ार खत्म हुआ, ...