...

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यादों की होली
रंगों की गलियों में यादें ही हमजोली
सूखा मन अब खेले यादों की होली

भीगा था तन मन जीवन सारा
उड़ता हर रंग था सपना हमारा
इश्क़ भरी पिचकारी उन पर मारी
भीग गई सजनी की सारी खुमारी

उसने भी पलट कर गुलाल लगाया
अपने हाथों से गालों को यूँ छुआया
सुर्ख़...