...

1 views

आँखे
पांच ज्ञानेंद्रियों में आती
होती दृष्टि से इसकी पहचान ,
हैं मानव अंग में अति महत्वपूर्ण
दुनिया, आँखों से जानती नाम |
कुदरत से मिली अद्भुत ये देन
जिसे देख चेहरा पढ़ जाती,
तो किसी का सौंदर्य रूप समाए
मन ,मस्तिष्क ,हृदय को भड़काती|
कई कवियों ने उपमाएँ देकर
आँखों का कर दिया बखान ,
साथ ही संगीतकार भी लिख गये
ईश्वर के, इस उपहार पर कई गान |
कभी ,खुशी से चमक उठ जाती
तो कभी, दुःख के आँसू में डूब जाती,
फिर रात जाग कर, स्वप्न बुनकर
सुबह ,सफलता देखने को दौड़ जाती |



© अविनाश कुमार साह
© All Rights Reserved