प्रकृति और बेचैनी
नीले आकाश तले,
एक लड़का बैठा था अकेले।
सपनों का बोझ, सवालों का मेला,
दिल था बेचैन और मन अलबेला।
पंछी मधुर गाते, नदी यूहीं बहती,...
एक लड़का बैठा था अकेले।
सपनों का बोझ, सवालों का मेला,
दिल था बेचैन और मन अलबेला।
पंछी मधुर गाते, नदी यूहीं बहती,...