...

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ज़िंदगी
ज़िंदगी को ना जाने क्यों तुमसे उम्मीदें बहुत है
कोई नूर है तुम्हारी आंखों में जिसकी चाहत बहुत है
तुम मंजिल हो मेरी जिंदगी की
तुमसे दिल को राहत बहुत है

मैं तुम्हें चोरी चोरी देख लेता हूं
तो खफ़ा मत होना
तुम्हारे चहेरे पर सादगी बहुत है
और किस तरह तुम्हें
दिल की बात
बता दूं
मेरे दिल में बातें बहुत है

इन फिजाओं में खो जाता हूं
तेरी यादों में नशा बहुत है
तुम्हारे...