...

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तुम बिन
कई सदियां बीती जाने तुम कब आओगे,
एक अरसाऔर बीत गया तुम बिन।
कितनी ही ऋतुएं आई और गई,
कितने ही मौसम गुजरे तुम बिन।
कितने बदलो ने मुख मो़डा,
कितनी हवाओं के रुख बदले तुम बिन।
सावन की तीज में तो झूले बंधे नहीं पेड़ों पर,
वर्षा की...