कर धारण तू मां काली का अवतार।
कर धारण तू मां काली का अवतार ,
लिए हाथ में त्रिशूल और तलवार ,
कोई रावण तुझे छू भी ना सके ,
ऐसा कर तू इन दैत्यों का विनाश ।
देवी दुर्गा की तरह ,
मार महिषासुर जैसों को ,
जो ना कर सके तेरी लाज का सम्मान ,
तू दिखा इनको रणचंडी का रक्तिम अवतार ।
इस बार कोई ना आएगा अब तुझे बचाने ,
कोई नहीं करेगा तेरी देवी रूप का आदर ,
बन तू खुद में एक आग का अंगार ।
दिखा इनको तू नहीं है द्रौपती सी लाचार,
सृष्टि में पैदा दुर्योधनों पर कर तू वार ।
आंखों में लिए बदले की आग,
रख खड़ा तू त्रिशूल और तलवार,
कोई रावण तुझे छू ना सकें ,
ऐसा कर तू इन दैत्य का विनाश।।
© Lalita paliwal
लिए हाथ में त्रिशूल और तलवार ,
कोई रावण तुझे छू भी ना सके ,
ऐसा कर तू इन दैत्यों का विनाश ।
देवी दुर्गा की तरह ,
मार महिषासुर जैसों को ,
जो ना कर सके तेरी लाज का सम्मान ,
तू दिखा इनको रणचंडी का रक्तिम अवतार ।
इस बार कोई ना आएगा अब तुझे बचाने ,
कोई नहीं करेगा तेरी देवी रूप का आदर ,
बन तू खुद में एक आग का अंगार ।
दिखा इनको तू नहीं है द्रौपती सी लाचार,
सृष्टि में पैदा दुर्योधनों पर कर तू वार ।
आंखों में लिए बदले की आग,
रख खड़ा तू त्रिशूल और तलवार,
कोई रावण तुझे छू ना सकें ,
ऐसा कर तू इन दैत्य का विनाश।।
© Lalita paliwal