सांझ
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है।
अब उठो तुम है इंतजार किसका
आज की धूप में भी सपनों का रंग है।
हर सुबह की तरह, ये दिन भी लाए...
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है।
अब उठो तुम है इंतजार किसका
आज की धूप में भी सपनों का रंग है।
हर सुबह की तरह, ये दिन भी लाए...