...

7 views

मेरे सपने...
मेरे सपने आज सोये पड़े है ,आंसुओं के मज़ार में।
टूट कर अब बिखर गए है ,जीत में और हार में।।
जब तलक उम्मीद थी, देख रही थी अंधकार में।
अब उम्मीद दफ़्न हो गयी, हकीकत के इंतजार में।।

एक छोटा सा दीया जल रहा था, इतने बड़े संसार में।
जला रखा था मैंने कब से ,अपने मन के द्वार में।।
बुझा डाला हवाओं ने एक हीं प्रहार में।
अब उम्मीद दफ़्न हो गयी हकीकत के इंतज़ार में।।

क्या से क्या हो गयी ज़िन्दगी, छोटी -सी तकरार में।
ठहर गई है चलते -चलते कहीं, बीच मंझधार में।।
कुछ हासिल न हो पाया ,आर या पार में।
अब उम्मीद दफ़्न हो गयी, हकीकत के इंतजार में।।

कैसे झलकेगी अब खुशियां वो, हर कमरे की दीवार में।
टूट गयी तस्वीर पुरानी, रिश्तों के दरार में।।
सपने सारे टूटे मेरे इज़हार और उनके इनकार में।
अब उम्मीद दफ़्न हो गयी,हकीकत के इंतजार में।।






© shalini ✍️
#life
#Love&love💞