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MY THOUGHTS MY MIRROR
व्यक्ति के व्यव्हार में व्यक्तित्व की झलक दिखती है, हमारी छवि हमारी प्रतिबिम्ब यानि हमारी रूपरेखा है. व्यव्हार झलक मात्र है. हम जैसे होते है वैसा व्यव्हार करते है.......



राम, कृष्ण, महावीर, गौतम बुद्ध आदि जितने भी महापुरुष हुए हैं, वे अपने उत्कृष्ट विचारों के कारण ही अनेक बलिदान कर महान पद प्राप्त कर सके थे। हमें सुखी, समृद्ध और पवित्र जीवन के लिए विचार शक्ति को हमेशा शुद्ध और परिपुष्ट बनाना चाहिए।

हमारा व्यक्तित्व विचार और चिंतन से बनता है। यह हमारे जीवन के अब तक के चिंतन और समस्त विचारों का प्रतिफल होता है। हम विचारों द्वारा ही उन्नति कर जीवन के उच्चतम लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। जीवन वैसा ही होता है, जैसा हमारे विचार उसे बनाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि यह विचारों का दर्पण है।
इस प्रकार विचार जीवन की आधारशिला हैं। हमारे पास कितना भी धन, दौलत और समृद्धि क्यों न...