...

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बदलते रिश्ते
समय की धारा में बह गए कई रिश्ते ,
कई साथ चले तो कई पीछे छूट गये रिश्ते ।
कुछ बस जुबान के रह गए ,तो कुछ दिल से न कभी निकल पाए रिश्ते ।
कहीं कुछ दिनों के तो कई ,बर्षों के साथ तक सीमित रह गए रिश्ते ।
किसी से सदा के लिए जुड़ गए ,तो कई सदा के लिए पीछे छूट गए रिश्ते ।
अब बस नाम के ही तो रह गए रिश्ते ।
आराधना
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