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मिठास
शीर्षक मिठास
जीवन में कड़वाहट ही फैल गई है
चलो कुछ मिठास घोल लेते है
सबसे राग द्वेष खत्म कर
थोड़ी मिठास भर देते है
इतना ज़हर फैला है इस दुनिया में
हम भी क्यों उसका हिस्सा बने
बाटे प्यार और स्वभाव हो सरल
वाणी की मिठास से जीवन रंग देते है
रावण महा ज्ञानी था लेकिन उसका
अहंकार और कड़वी जुबान उसका नाश कर देते है
भगवान राम अपने सरल स्वभाव
और मीठी बोली से लंका विजय कर लेते है
तो चलो यारो जीवन की कड़वाहट को छोड़
अब कुछ मिठास घोल लेते है
कुछ मिठास घोल लेते है

✍️ ✍️ शिवोम उपाध्याय
© शिविषा