भारी है....
आज मेरी कलम, मेरा फन भारी है
उड़ता नहीं मुझसे, मेरा क़फ़न भारी है
ज़ख्मों पे नमक लगा हंसना है बहुत
क्या कहूं, बे मुरव्वत सनम भारी है
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उड़ता नहीं मुझसे, मेरा क़फ़न भारी है
ज़ख्मों पे नमक लगा हंसना है बहुत
क्या कहूं, बे मुरव्वत सनम भारी है
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