क्या कमी रह गई
मेरी खामोशी मेरी हिम्मत थी!
जो चुप चाप सब सह गई!
ना जाने मुझमे कहाँ कमी रह गई!
केवल जितना जानती थी!
उतना ही मानती थी
मै...
जो चुप चाप सब सह गई!
ना जाने मुझमे कहाँ कमी रह गई!
केवल जितना जानती थी!
उतना ही मानती थी
मै...