वह जानवर
जाड कि रात और वह
कंपकंपाती हुई उस परत वाली चादर में लिपटे
भयंकर राक्षस जैसा वह क्षुधा
हड्डियां जमा देने वाली उस थण्डी में भी
गर्माहट ला देने वाले
वह दो बुंद आंसू
भिगाते हुए उन् कोनों को
पैदा करते जाते हैं गर्माहट को।
© harry56tuyul
कंपकंपाती हुई उस परत वाली चादर में लिपटे
भयंकर राक्षस जैसा वह क्षुधा
हड्डियां जमा देने वाली उस थण्डी में भी
गर्माहट ला देने वाले
वह दो बुंद आंसू
भिगाते हुए उन् कोनों को
पैदा करते जाते हैं गर्माहट को।
© harry56tuyul