किरदार
दरिया ए महोब्बत थे हम ,
तूने एक एक बूंद के लिए तरसाया है।
मैं निकल जाता इन बुरे हालातो से,
मेरी कब्र को ओर गहरा करके
फिर मुझे तुमने दफनाया है।
मंजिल पाने को हम काबिल थे,...
तूने एक एक बूंद के लिए तरसाया है।
मैं निकल जाता इन बुरे हालातो से,
मेरी कब्र को ओर गहरा करके
फिर मुझे तुमने दफनाया है।
मंजिल पाने को हम काबिल थे,...