वो बातें कहाँ !!!
अब बात होती है बातें कहाँ
आँखों में वो रातें कहाँ !!!
हम्म.. हाँ ..अच्छा ...तो ..है
वक़्त बीत जाता गुजरता कहाँ !!!
ना ख़्वाहिश ना उम्मीद रखते
पहले से वो जज़्बात कहाँ !!!
लिखते मिटाते मिटाकर फिर लिखते
छुपाते एहसास जताते कहाँ !!!
रँग वफ़ा के बदल सके न
खुद को फिर से सजाते कहाँ !!!
कहते है हँसकर मिला करो हमसे
'प्रित' दुखता घाव छुपाते कहाँ !!!
© speechless words
आँखों में वो रातें कहाँ !!!
हम्म.. हाँ ..अच्छा ...तो ..है
वक़्त बीत जाता गुजरता कहाँ !!!
ना ख़्वाहिश ना उम्मीद रखते
पहले से वो जज़्बात कहाँ !!!
लिखते मिटाते मिटाकर फिर लिखते
छुपाते एहसास जताते कहाँ !!!
रँग वफ़ा के बदल सके न
खुद को फिर से सजाते कहाँ !!!
कहते है हँसकर मिला करो हमसे
'प्रित' दुखता घाव छुपाते कहाँ !!!
© speechless words