हमारी बेगम से नोक झोंक...
एक दिन की बात थी,
हमारी बेगम हमसे नाराज़ थीं।
हमने सोचा चलो आज बक बक से फुर्सत तो मिली।,
तभी कड़कती आवाज़ आई,,
सुनो!आज का खाना तुम खुद बनाओ,
बेशर्मों की माफिक बैठो मत,
राशन पानी फौरन खरीद लाओ।।
हमने गौर से देखा..,
मोहतरमा के चेहरे कुछ इस तरह बदल रहे थे,
टेंढ़े से मेढ़े ,गोरे से पीले,
फिर कुछ लाल हो रहे थे ।...
हमारी बेगम हमसे नाराज़ थीं।
हमने सोचा चलो आज बक बक से फुर्सत तो मिली।,
तभी कड़कती आवाज़ आई,,
सुनो!आज का खाना तुम खुद बनाओ,
बेशर्मों की माफिक बैठो मत,
राशन पानी फौरन खरीद लाओ।।
हमने गौर से देखा..,
मोहतरमा के चेहरे कुछ इस तरह बदल रहे थे,
टेंढ़े से मेढ़े ,गोरे से पीले,
फिर कुछ लाल हो रहे थे ।...