...

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हम आजकी नारी
हम आज की नारी
कंधे से कंधा मिलाकर चलनेवाली
मुसीबतों का सामना करती निडर रहनेवाली।

हम है ममता की मूरत और जननी
पर जानती हैं दुर्गा बनाना जब
आये हमपर मुसीबतों की बारी।

पीछे मुड़कर नहीं देखनेवाली
बुरखा बेबसी का पहना नही
हर उलझनों को सुलझाने वाली।

हम है शक्ति ,हम है रणरागिनी
नही रोयेंगे अब मायूसी के आँसू
हिम्मतवाली हम आजकी नारी।

आयेंगे राहों में पचास उलझनें
पहाड़ों को भी चिर करनेवाली
हम आजकी नारी हम आजकी नारी।
दिपाली पवार