कहीं भूल खुद को न जाना तुम
सपनों की इस आस में,
सफलता की भीनी प्यास में,
कठिनाइयों के वास में,
कहीं भूल खुद को न जाना तुम।
आंखों में सपने लिए,
हाथों में हो पुस्तक लिए,
सफलता की इन राहों पर,
किसी शूल से न टकराना तुम।
कर लो यदि गलती...
सफलता की भीनी प्यास में,
कठिनाइयों के वास में,
कहीं भूल खुद को न जाना तुम।
आंखों में सपने लिए,
हाथों में हो पुस्तक लिए,
सफलता की इन राहों पर,
किसी शूल से न टकराना तुम।
कर लो यदि गलती...