जहर मीठा।
बुरा वक्त किस पर नहीं आता, ये जिंदगी की अदा है,
जिस्म मरा करते हैं वक्त मौत के, आत्मा तो सदा है,
चंद लम्हों की बात और है, जिंदगी मगर मार–2 के नहीं जीनी चाहिए।
••जहर मीठी भी हो तब भी तो,
पीनी नहीं चाहिए।।
तुम्हें दिक्कत नहीं खुद की तकलीफ से औरों को...
जिस्म मरा करते हैं वक्त मौत के, आत्मा तो सदा है,
चंद लम्हों की बात और है, जिंदगी मगर मार–2 के नहीं जीनी चाहिए।
••जहर मीठी भी हो तब भी तो,
पीनी नहीं चाहिए।।
तुम्हें दिक्कत नहीं खुद की तकलीफ से औरों को...