...

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उदासियों का मंज़र
उदासियों का मंज़र है ,
शब्द भी अब पनपते नहीं ।
आँखों में अश्कों का सैलाब है ,
पर पलकों पे उमड़ते नहीं ।
ब्यथा दिल की हम कह न पाएं ,
डर है कहीं धड़कनें
ख़ामोश न हो जाए ।। S.S.
Sarita saini
स्वरचित
© Lafz_e_sarita
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