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तन्हा जिंदगी
सूखी शाख पर तन्हा बैठे परिंदे सी जिंदगी,
सर्द मौसम के बर्फीले तूफानों सी घिरी हुई,
तन्हाई में कभी मुझे समझाती
तो कभी मैं उसे।
कभी मुस्कुराती मुझ पर वो
कभी मैं उसपर मुस्कुराता।
सर्द तूफान ही सही साथ में मन भटकाने को,,
वरना यूं तन्हा इन शाखाओं में
यह कैसे गुजर पाती।
© Joginder Thakur
सर्द मौसम के बर्फीले तूफानों सी घिरी हुई,
तन्हाई में कभी मुझे समझाती
तो कभी मैं उसे।
कभी मुस्कुराती मुझ पर वो
कभी मैं उसपर मुस्कुराता।
सर्द तूफान ही सही साथ में मन भटकाने को,,
वरना यूं तन्हा इन शाखाओं में
यह कैसे गुजर पाती।
© Joginder Thakur
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