मन तुझे कैसे समझाऊं
जानता हूं किसे कैसे मनाया जाए
शब्दों का कब कहां कैसे
इस्तेमाल किया जाए
कुछ अनगढ़ अनपढे लिहाफ में
रहना जब भुल जांए
मुस्कान होठों पे ले अपने
सलाम कर चल दिया जाए
पसंद नापसंद की बात नहीं
बातों के तारतम्य में ...
शब्दों का कब कहां कैसे
इस्तेमाल किया जाए
कुछ अनगढ़ अनपढे लिहाफ में
रहना जब भुल जांए
मुस्कान होठों पे ले अपने
सलाम कर चल दिया जाए
पसंद नापसंद की बात नहीं
बातों के तारतम्य में ...