...

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मन की बात
न जाने क्यूं दिल घबरा रहा है,
ऐसा लग रहा है जैसे,
सब छूटता जा रहा है।
सपने आगे राह देख रहे है ,
मन यही रुकता जा रहा है ,
न जाने क्यूं दिल घबरा रहा है।
सबको उम्मीदें हैं मुझसे
और खुद का विश्वास डगमगा रहा है,
न जाने क्यूं दिल घबरा रहा है।
© अनकहे जज़्बात