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चंदा मामा दूर के🌚🌜🌛🌙
🌚बालकविता🌚

कहते थे चंदा मामा दूर के
पर कहां रहे अब दूर के
नानी की कहानी के मामा घर
सच ही आ जायेंगे अब घूम के।

पानी में देख छवि चांद की
अब न मुन्ना कोई मचलेगा
न चकली कातती बुढ़िया की
किसी कहानी से वो उलझेगा।

न होगी चांद सी सुंदरता की बातें
न अनुपम उपमाएं झंकृत होंगी
न गीत, ग़ज़ल, कविताओं की
शब्द व्यंजनाएं अलंकृत होंगी।

चांद पर पहुंचने निकल पड़े हैं
चंद्रयान -3 के सुनहले पंख
विस्तृत नभ में उड़ान भरेगी अब
मनुष्य की आकांक्षाएं अनंत ।

✍️कल्याणी गुप्ता’कृति’

चंद्रयान-3 के सफ़ल प्रक्षेपण की हार्दिक बधाई 🌚🌜🌛🌙👏👏