ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है
कैसे भूलते हैं कोई भी ये मुझे समझाता नही है
ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है
याद भी न बन सकी है तू अब तलक मेरी
जिस तरह तू गई है ऐसे कोई जाता नही है
तेरे होने न होने में अब तलक उलझी हूं मैं
तू नही है ये दिल को यकीन आता नही है
अश्क भी आसुओं से तर ब तर निकले मेरे
इंतेहा ए दर्द क्या है क्यूं कोई बताता नही है
क्या करू किन बहानों से खुद को बहलाऊ मैं
लाख कोशिशें की दिल मगर भूल पता नही है...
ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है
याद भी न बन सकी है तू अब तलक मेरी
जिस तरह तू गई है ऐसे कोई जाता नही है
तेरे होने न होने में अब तलक उलझी हूं मैं
तू नही है ये दिल को यकीन आता नही है
अश्क भी आसुओं से तर ब तर निकले मेरे
इंतेहा ए दर्द क्या है क्यूं कोई बताता नही है
क्या करू किन बहानों से खुद को बहलाऊ मैं
लाख कोशिशें की दिल मगर भूल पता नही है...