ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है
कैसे भूलते हैं कोई भी ये मुझे समझाता नही है
ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है
याद भी न बन सकी है तू अब तलक मेरी
जिस तरह तू गई है ऐसे कोई जाता नही है
तेरे होने न होने में अब तलक उलझी हूं मैं
तू नही है ये दिल को यकीन आता नही है
अश्क भी आसुओं से तर ब तर निकले मेरे
इंतेहा ए दर्द क्या है क्यूं कोई बताता नही है
क्या करू किन बहानों से खुद को बहलाऊ मैं
लाख कोशिशें की दिल मगर भूल पता नही है
तू नही पूछेगी अब कभी हाल मेरा ख़बर है मुझे
तेरा नंबर मिलाती हुं तो अब कोई उठता नही है
फोन भी अब मगर तेरी आवाज सुनाता नही है
ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है
माथा सहलाना कभी सर दबाना तेरा
हल्के बुखार पर मेरे घबरा जाना तेरा
मेरी उंगली पकड़ कर चलना तेरा
मेरे लिए सारे मुहल्ले से लड़ना तेरा
42 की उम्र में मुझे बच्चा समझना तेरा
रूठना मनाना डांटना प्यार करना तेरा
कैसे बुलाऊ तुझे ,मुझे बुलाना आता नही है
ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है..
तू गई है जब से, छोड़ कर तन्हा मुझे मां
पुकारती थी जिस तरह अब कोई बुलाता नही है
ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है...
#shubh
© shubhra pandey
ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है
याद भी न बन सकी है तू अब तलक मेरी
जिस तरह तू गई है ऐसे कोई जाता नही है
तेरे होने न होने में अब तलक उलझी हूं मैं
तू नही है ये दिल को यकीन आता नही है
अश्क भी आसुओं से तर ब तर निकले मेरे
इंतेहा ए दर्द क्या है क्यूं कोई बताता नही है
क्या करू किन बहानों से खुद को बहलाऊ मैं
लाख कोशिशें की दिल मगर भूल पता नही है
तू नही पूछेगी अब कभी हाल मेरा ख़बर है मुझे
तेरा नंबर मिलाती हुं तो अब कोई उठता नही है
फोन भी अब मगर तेरी आवाज सुनाता नही है
ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है
माथा सहलाना कभी सर दबाना तेरा
हल्के बुखार पर मेरे घबरा जाना तेरा
मेरी उंगली पकड़ कर चलना तेरा
मेरे लिए सारे मुहल्ले से लड़ना तेरा
42 की उम्र में मुझे बच्चा समझना तेरा
रूठना मनाना डांटना प्यार करना तेरा
कैसे बुलाऊ तुझे ,मुझे बुलाना आता नही है
ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है..
तू गई है जब से, छोड़ कर तन्हा मुझे मां
पुकारती थी जिस तरह अब कोई बुलाता नही है
ख्याल कोई अब इस दिल को बहलाता नही है...
#shubh
© shubhra pandey
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